मिली है ये ही सजा हमें दिल लगाने की

एक बेवफा से प्यार कर के हम ने भी,
वजह खो दी ज़िंदगी में मुस्कुराने की,

हाल हुआ है कुछ ऐसा मोहब्बत करके ,
किस्मत सी बन गयी हर कदम पे चोट खाने की,

चली गयी जो मुझे तड़पता हुआ छोड़कर,
उम्मीद करूँ मैं क्या उसके लौट कर आने की,

आँखों में आंसू और ज़िंदगी में ग़मो के अँधेरे,
मिली है ये ही सजा हमें दिल लगाने की,

आदत हो जिसे तूफानों से टकराने की

गर्दिशे क्या तोड़ेंगी उसे इस ज़माने की,
आदत हो जिसे तूफानों से टकराने की,
बनाया गया हो जो तूफानों के दौर में ,
आँधियाँ क्या हिलाएंगी जड़ें उस आशियाने की |

बनाकर दिल को पत्थर का

बनाकर दिल को पत्थर का, इज़ाज़त दे दी उसे जाने की,
वो संगदिल क्या जाने, कितनी हसरत थी उसे पाने की,
जलाकर अपने दिल को हमने, उजाले दे दिए उसको,
आंसू रख कर अपने पास, मुस्कुराहटें दे दी उसे ज़माने की |

जब देखा कि वो मुझे भुलाने लगे हैं

जब देखा कि वो मुझे भुलाने लगे हैं,
धीरे धीरे मुझ से दूर जाने लगे हैं,
एक पल में उसकी ज़िंदगी से दूर चला गया मैं,
जिसके पास आने में मुझे ज़माने लगे हैं.

दिलों का सौदा यहाँ, सरेआम होता है

दिलों का सौदा यहाँ, सरेआम होता है,
मोहब्बत का आखिर, ये ही अंजाम होता है |

बसा लेते है हम जिन को, गहराईयों में दिल की,
दिलों को तोडना भी, उन्ही का काम होता है |

मशहूर हो जाते हैं, यहाँ पे बेवफा अक्सर,
वफ़ा करने वाला यहाँ, सदा बदनाम होता है |

दिलों से खेलने वाले, मुस्कुराते हैं हर एक पल,
दिल है टूटता जिसका, वो उम्र तमाम रोता है |

दरख़्त सूख गया है वो, चहकते थे परिंदे जिस पर,
वीराना अब तो यहाँ, सुबह से शाम होता है |

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